विदेशों के पूर्व खिलाड़ी, जो शायद ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वालों के निचले पायदान पर हैं, देश में क्रिकेट मीडिया पर अपनी पक्षपातपूर्ण टिप्पणियों की बौछार करवाते हैं, चाहे वह प्रिंट हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया।